वृक्षारोपण पर निबंध / essay on tree planting in hindi

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वृक्षारोपण पर निबंध / essay on tree planting in hindi

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रूपरेखा (1) प्रस्तावना, (2) वृक्षों की आवश्यकता, (3) वृक्षों की कटाई, (4) वृक्षों से लाभ, (5) वृक्षारोपण, (6) उपसंहार ।

प्रस्तावना – 

भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही वृक्षों का बहुत महत्त्व है। वृक्षों से लोगों ने अपने वंश की उन्नति मानी है तथा उनमें देवी-देवताओं का निवास तक मानते हैं। सर्वप्रथम आर्यों ने वृक्षों की पूजा की। आज भी पीपल, वट, कदम्ब तथा आम के वृक्षों की पूजा की जाती है। वृक्षों का सामाजिक जीवन में बड़ा महत्त्वपूर्ण स्थान है।

वृक्षों की आवश्यकता—

वृक्ष मानव के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। वृक्ष ही मानो जीवन के पर्यायवाची हैं। जिस प्रकार मानव को जीवित रहने के लिए भोजन, जल और वायु आवश्यक है, उसी प्रकार जीवन को सार्थक, सुन्दर और सरल बनाने के लिए वृक्षों की हरियाली भी परम आवश्यक है। वृक्षों से कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ भी हैं। वृक्ष न हों तो भूमि रेगिस्तानी हो जाय । वृक्ष भूमि के कटाव को भी रोकते हैं। वृक्ष वातावरण को सुगन्धित, मनोहारी तथा लुभावना बनाते हैं।

वृक्षों की कटाई – 

आज के युग में जबकि जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। औद्योगीकरण के कारण कारखानों के विकास और रिहायशी मकानों के विकास के कारण देश में वन भूमि कम होती जा रही है। नित्य जंगल कट हैं, कृषि भूमि समाप्त होती जा रही है और आवास गृह बढ़ते जा रहे हैं। सड़कें बनाई जा रही हैं। इस प्रकार वृक्षों की कटाई से हानियाँ हो रही हैं।

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वृक्षों से लाभ-

वृक्षों से अनेक प्रत्यक्ष लाभ हैं। वृक्षों से इमारती लकड़ी तथा जलाऊ लकड़ी मिलती है। वृक्षों से कई प्रकार के फल, जड़ी-बूटियाँ भी मिलती हैं और विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ प्राप्त होते हैं। कई वृक्षों की टहनियों से दाँतौन बनायी जाती हैं, जैसे-नीम, बबूल, कनेर आदि ।

वृक्षारोपण-

1 जुलाई, 1950 से भारत में प्रतिवर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है। भारत सरकार जनता के सहयोग से वृक्ष लगवाती है। वृक्षारोपण का सही समय वर्षा के पूर्व का है। वृक्ष लगाते समय भूमिका ध्यान रखना भी आवश्यक है। फल वाले वृक्ष अधिक लगाने चाहिए। कुएँ, नदी, तालाब के आस-पास की उपजाऊ भूमि में पपीता, केला, नीबू तथा आम के वृक्ष प्रचुर मात्रा में लगाने चाहिए। कटहल, बेर, आँवला, अमरूद आदि के वृक्ष बगीचे में लगाने चाहिये। कुछ वृक्ष ऐसे होते हैं जो केवल शोभा आदि के लिए ही लगाये जाते हैं। ऐसे वृक्षों को सड़कों के किनारे दोनों तरफ लगाना चाहिए। वायु शुद्धि के लिए जो पेड़-पौधे लगाये जाते हैं वे विद्यालय और अस्पताल के अहाते में लगाने चाहिए। वृक्ष पर्यावरण प्रदूषण के निवारण के लिए कारगर साधन हैं।

उपसंहार—

विद्यालयों में वृक्षारोपण को वर्तमान में काफी लोकप्रियता मिल रही है। अरण्यावली महोत्सव के अन्तर्गत लखनऊ जिले में लगभग पन्द्रह हजार पौधे लगाये गये। विद्यार्थियों को केवल पौधे लगाने ही नहीं चाहिए बल्कि उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। इस कार्यक्रम हेतु अन्तर्राष्ट्रीय सहायता भी प्राप्त हो रही है। नगर-नगर, गाँव-गाँव में समाज सेवी संस्थाएँ वृक्षारोपण कार्यक्रम में सक्रिय भाग ले रही हैं। वृक्षारोपण कार्यक्रम के द्वारा नई पीढ़ी को जीवन में श्रम की महत्ता का ज्ञान कराया जा रहा है।

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