व्याजस्तुति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / व्याजस्तुति अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण

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व्याजस्तुति अलंकार की परिभाषा

जहाँ देखने या सुनने में तो निन्दा प्रतीत हो पर वास्तव में प्रशंसा हो तो वहाँ पर व्याजस्तुति अलंकार होता है।

उदाहरण – काशी पुरी की कुरीति महा,
            जहाँ देह देख, पुनि देह न पाइए ।

स्पष्टीकरण – यहाँ पर वास्तव में काशी नगरी की प्रशंसा की जा रही है, क्योंकि वहाँ देह त्यागनें पर मुक्ति मिलती है।

उदाहरण – उधौ तुम अति चतुर सुजान,
              जे पहिले रंग, रंगी, श्याम रंग,
               तिन्ह न चढ़ै रंग आन ।।

उदाहरण – जमुना तुम अविवेकनी, कौन लियो यह ढंग |
                पापिन सो जिन बंधु  को, मान करावति भंग ||

उदाहरण – गंगा क्यों टेढ़ी -मेढ़ी चलती हो?
              दुष्टों को शिव कर देती हो । 
              क्यों यह बुरा काम करती हो ?
             नरक रिक्त कर दिवि भरती हो ।

उदाहरण – भष्म जटा विष् अहि सहित , गंग कियो तैं मोहि।
               भोगी तैं जोगी कियो, कहा कहाँ अब तोहि।।





                                     ★★★ निवेदन ★★★

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