वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण

हिंदी व्याकरण विभिन्न परीक्षाओं जैसे UPTET,CTET, SUPER TET,UP POLICE,लेखपाल,RO/ARO,PCS,LOWER PCS,UPSSSC तथा प्रदेशों की अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी विषय है। हमारी वेबसाइट istudymaster.com आपको हिंदी व्याकरण के समस्त टॉपिक के नोट्स उपलब्ध कराएगी। दोस्तों हिंदी व्याकरण की इस श्रृंखला में आज का टॉपिक वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण है। हम आशा करते है कि इस टॉपिक से जुड़ी आपकी सारी समस्याएं समाप्त हो जाएगी।

वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण

वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण

वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण

Tags – कर्तृवाच्य किसे कहते हैं,वाच्य के प्रश्न उत्तर,वाच्य के कितने भेद होते हैं,वाच्य की परिभाषा और प्रकार,hindi me vachya,vachya hindi grammar,vachya ke prakar hindi grammar,vachya parivartan hindi grammar,कर्मवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन,कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन,कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन,कर्मवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन,भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन, भाववाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन,कर्मवाच्य उदाहरण,भाववाच्य किसे कहते है,वाच्य के प्रश्न उत्तर,वाच्य कितने प्रकार,वाच्य किसे कहते हैं और उसके भेद,वाच्य के कितने भेद होते हैं,वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण

वाच्य की परिभाषा (Voice in hindi)

परिभाषा-वाच्य का अर्थ है-बोलने का विषय। अतः क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है, कर्म है अथवा भाव, उसे ‘वाच्य’ कहते हैं।
उदाहरणतया-
सोनिया खेल रही है।
-इस वाक्य में खेलने का मुख्य विषय ‘सोनिया’ अर्थात् कर्ता है। इसलिए यह कर्तृबाच्य वाक्य है।

वाच्य के भेद

वाच्य के दो भेद हैं।

1. कर्तृवाच्य (Active voice)

इसमें कथन का केंद्र कर्ता होता है। कर्म गौण होता है। कर्तृवाच्य में क्रिया अकर्मक भी हो सकती है और सकर्मक भी।
जैसे– राजीव सोता है। (अकर्मक)
राजीव ‘पुस्तक’ पढ़ता है। (सकर्मक)
इन दोनों वाक्यों में कर्ता ही वाक्य का केंद्र-बिंदु है। अतः यह कर्तृवाच्य वाक्य है।

2. अकर्तृवाच्य

जिन वाक्यों में कर्ता गौण या लुप्त होता है, उसे अकर्तृवाच्य कहते हैं। अकर्तृवाच्य के दो भेद हैं-

(क) कर्मवाच्य (Passive voice)-जिस वाक्य में केंद्र बिंदु कर्ता न होकर ‘कर्म’ हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। कर्म की प्रधानता के कारण या तो कर्ता का लोप हो जाता है; या कर्ता के बाद ‘से’ अथवा ‘द्वारा’ का प्रयोग होता है। जैसे– सोनिया से गीत गाया गया। [कर्ता (सोनिया) के बाद ‘से’ का प्रयोग।]
पतंग उड़ रही है। (कर्ता का लोप)
रोगी को दवाई दे दी गई है। (कर्ता का लोप)

इन तीनों वाक्यों में क्रमशः ‘गीत’, ‘पतंग’ और ‘दवाई’ कर्म हैं। यही अपने-अपने वाक्यों के केंद्र-बिंदु भी हैं। अतः ये कर्मवाच्य वाक्य हैं।

कर्मवाच्य में कर्ता की असमर्थता सूचित करने वाले वाक्य भी होते हैं। इनमें कर्ता के साथ ‘से’ अथवा ‘द्वारा’ लगता है और क्रिया के साथ निषेधात्मक ‘नहीं’ का प्रयोग होता है।
जैसे– मुझसे यह दृश्य देखा नहीं जाएगा।
मोहिनी से भोजन न हो सका।

सकर्मक क्रिया से व्युत्पन्न अकर्मक क्रियाओं वाले वाक्य भी सकर्मक कहलाते हैं।
जैसे– दरवाजा खुल गया।
(खोलना ने खुलना)
गिलास टूट गया। (तोड़ना → टूटना)

See also  संदेह अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / संदेह अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण

(ख) भाववाच्य (Impersonal voice) – जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता न होकर अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख हो, उसे भाववाच्य कहते हैं। ऐसे वाक्यों में क्रिया सदा एकवचन, पुल्लिंग, अकर्मक तथा अन्य पुरुष में रहती है।
उदाहरणतया-
सोहन से चला नहीं जाता।
अब मुझसे सहा नहीं जाता।

इनमें क्रमशः ‘चला’ तथा ‘सहा’ क्रियाएँ ही प्रमुख हैं। अतः ये भाववाच्य के उदाहरण हैं।

वाच्य परिवर्तन (Change of Voice)

(1) कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना

(i) पहले कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित कीजिए।
(ii) उस परिवर्तित क्रिया के साथ ‘जाना’ क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार जो रूप हो, उसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदलिए ।
(iii) कर्तृवाच्य के कर्ता के साथ यदि कोई बिभक्ति लगी हो, तो उसे हटाकर ‘से’ अथवा ‘के द्वारा’ आदि जोड़िए।
(iv) यदि कर्म के साथ विभक्ति लगी हो, तो उसे हटा दीजिए।                   
1. कर्तृवाच्य – शिकारी शिकार करते हैं।
कर्मवाच्य – शिकारियों के द्वारा शिकार किया जाता है।

2. कर्तृवाच्य – मैंने पत्र लिखा।
कर्मवाच्य – मुझसे पत्र लिखा गया।

3. कर्तृवाच्य – क्या यह उपन्यास मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है ?
कर्मवाच्य – क्या यह उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया है ?

4. कर्तृवाच्य – यह कविता उसने लिखी है।
कर्मवाच्य – यह कविता उसके द्वारा लिखी गई है।

5. कर्तृवाच्य – भगवान हमारी रक्षा करता है।
कर्मवाच्य – भगवान द्वारा हमारी रक्षा की जाती है।

6. कर्तृवाच्य – सुंदर ने मथुर गीत गाए।
कर्मवाच्य – सुंदर द्वारा मधुर गीत गाए गए।

7. कर्तृवाच्य – वह दिन में दूध पीता है।
कर्मवाच्य – उसके द्वारा दिन में दूध पिया जाता है।

8. कर्तृवाच्य – पक्षी आकाश में उड़ेंगे।
कर्मवाच्य – पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा जाएगा।

9. कर्तृवाच्य – महात्मा गाँधी ने राष्ट्र को शांति और अहिंसा
का संदेश दिया।
कर्मवाच्य – महात्मा गाँधी द्वारा राष्ट्र को शांति और अहिंसा का संदेश
दिया गया।

10. कर्तृवाच्य – महर्षि दयानंद ने आर्यसमाज की स्थापना की।
कर्मवाच्य – महर्षि दयानंद द्वारा आर्यसमाज की स्थापना की गई।

11. कर्तृवाच्य – हम स्वामी दयानंद को नहीं भूल सकते।
कर्मवाच्य – हमसे स्वामी दयानंद नहीं भुलाए जा सकते।

12. कर्तृवाच्य – रीमा चित्र बनाती है।
कर्मवाच्य – रीमा द्वारा चित्र बनाया जाता है।

13. कर्तृवाच्य – कलाकार मूर्ति गढ़ता है।
कर्मवाच्य – कलाकार द्वारा मूर्ति गढ़ी जाती है।

14. कर्तृवाच्य – करीम पतंग उड़ा रहा है।
कर्मवाच्य – करीम द्वारा पतंग उड़ाई जा रही है।

15. कर्तृवाच्य – नानी कहानी सुनाएगी।
कर्मवाच्य – नानी द्वारा कहानी सुनाई जाएगी।

16. कर्तृवाच्य – लड़का पत्र लिखता है।
कर्मवाच्य – लड़के द्वारा पत्र लिखा जाता है।

(2) कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना

(i) कर्ता के आगे ‘से’ अथवा ‘के द्वारा’ लगाएँ।
जैसे– बच्चे बच्चों से, लड़की लड़की के द्वारा।
(ii) मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल की क्रिया के एकवचन में बदलकर उसके साथ ‘जाना’ धातु के एकवचन,पुल्लिंग, अन्य पुरुष का वही काल लगा दें, जो कर्तृवाच्य की क्रिया का है।
जैसे– पढ़ेंगे-पढ़ा जाएगा।
खेल रही थी- खेला जा रहा था।
सोते हैं-सोया जाता है।

See also  अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / अर्थान्तरन्यास अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण

1. कर्तृवाच्य – मैं नहीं पढ़ता।
भाववाच्य – मुझसे पढ़ा नहीं जाता।

2. कर्तृवाच्य – हिरण दौड़ता है।
भाववाच्य – हिरण से दौड़ा जाता है।

3. कर्तृवाच्य – रमेश नहाया।
भाववाच्य – रमेश से नहाया गया।

4. कर्तृवाच्य – मैं अब नहीं चल पाता।
भाववाच्य – मुझसे अब नहीं चला जाता।

5. कर्तृवाच्य – क्या वे लिखेंगे ?
भाववाच्य – क्या उनसे लिखा जाएगा ?

6. कर्तृवाच्य – हम इतना कष्ट नहीं सह सकते।
भाववाच्य – हमसे इतना कष्ट सहा नहीं जा सकता।

7. कर्तृवाच्य – पक्षी रात को सोते हैं।
भाववाच्य – पक्षियों से रात को सोया जाता है।

8. कर्तृवाच्य – हम इतने दुख नहीं सह सकते।
भाववाच्य – हमसे इतने दुख सहे नहीं जा सकते।

9. कर्तृवाच्य – बच्चे शांत नहीं रह सकते।
भाववाच्य – बच्चों से शांत नहीं रहा जा सकता।

10. कर्तृवाच्य – मैं उठ नहीं सकता।
भाववाच्य – मुझसे उठा नहीं जा सकता।

11. कर्तृवाच्य – हम नहीं हँस सकते।
भाववाच्य – हमसे हँसा नहीं जा सकता।

12. कर्तृवाच्य – सौम्या सुबह को नहीं उठ सकी।
भाववाच्य – सौम्या से सुबह नहीं उठा जा सका।

13. कर्तृवाच्य – सास लड़ नहीं सकी।
भाववाच्य – सास से लड़ा नहीं जा सका।

14. कर्तृवाच्य – हम इतनी दूर नहीं रह सकते।
भाववाच्य – हमसे इतनी दूर नहीं रहा जा सकता।

Feel  free to get exam help at  Examlabs

(3) भाववाच्य और कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाना

कर्तृवाच्य बनाने की पद्धति उपर्युक्त विधियों के ठीक विपरीत है। इसमें पहले कर्ता को पहचानें; ‘के द्वारा’ या ‘से’ को हटाएँ तथा क्रिया का कर्तृवाच्य में प्रयोग करें।
कुछ उदाहरण देखें-

1. भाववाच्य – मुझसे पत्र नहीं लिखा गया।
कर्तृवाच्य – मैंने पत्र नहीं लिखा।

2. भाववाच्य – मीरा द्वारा कल पत्र लिखा जाएगा।
कर्तृवाच्य – मीरा कल पत्र लिखेगी।

3. भाववाच्य – रीमा से पुस्तक पढ़ी जा रही है।
कर्तृवाच्य – रीमा पुस्तक पढ़ रही है।

4. भाववाच्य – छात्रों द्वारा पत्र लिखा जाता है।
कर्तृवाच्य – छात्र पत्र लिखते हैं।

5. भाववाच्य – सरकार द्वारा शिक्षा पर बहुत खर्च किया जाता है।
कर्तृवाच्य – सरकार शिक्षा पर बहुत खर्च करती है।

6. भाववाच्य – लड़कों के द्वारा स्कूल साफ किया गया।
कर्तृवाच्य – लड़कों ने स्कूल साफ किया।

7. भाववाच्य – नानी द्वारा कहानी सुनाई जाती है।
कर्तृवाच्य – नानी कहानी सुनाती है।

8. भाववाच्य – लड़कों द्वारा हंसा नहीं जाता।
कर्तृवाच्य – लड़के नहीं हँसते ।

9. भाववाच्य – वेदव्यास द्वारा महाभारत लिखा गया।
कर्तृवाच्य – वेदव्यास ने महाभारत लिखा।

10. भाववाच्य – बालकों द्वारा फुटबाल खेली गई।
कर्तृवाच्य – बालकों ने फुटबाल खेली।

11. भाववाच्य – सुमित द्वारा कविता पढ़ी गई।
कर्तृवाच्य – सुमित ने कविता पढ़ी।

12. भाववाच्य – राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए गए।
कर्तृवाच्य – राजा ने प्रजा को कष्ट दिए।

13. भाववाच्य – आज घूमने चला जाए।
कर्तृवाच्य – आज घूमने चलें।

See also  विरोधाभास अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण / विरोधाभास अलंकार के उदाहरण व स्पष्टीकरण

वाच्यों की पहचान

1. कर्तृवाच्य – (i) कर्ता बिना विभक्ति के होता है। (अथवा)
(ii) कर्ता के साथ ‘ने’ विभक्ति होती है।

2. कर्मवाच्य – (i) कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ विभक्ति होती है।

(iii) मुख्य क्रिया सकर्मक होती है और उसके साथ ‘जाना’ क्रिया का लिंग, वचन-कालानुसार रूप जुड़ा होता है।
(iii) ‘जाना’ के उपर्युक्त रूप से पहले क्रिया सामान्य भूतकाल में होती है।

3. भाववाच्य- (i) कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ कारक चिह्न होता है।
(ii) क्रिया अकर्मक होती है।
(iii) क्रिया सदा एकवचन पुल्लिंग में होती है।

हिंदी में वाच्यों का प्रयोग

हिंदी में अधिकतर कर्मवाच्य का ही प्रयोग होता है। जिन परिस्थितियों में कर्मवाच्य और भाववाच्य का प्रयोग होता है,वे इस प्रकार हैं-

(1) कर्मवाच्य के प्रयोग –

(क) अधिकार, गर्व या दर्प जताने के लिए-
(i) अपराधी को पेश किया जाए।
(ii) उन्हें दंड दिया जाए।
(iii) यह खाना हमसे नहीं खाया जाता।

(ख) जब वाक्य में कर्ता को प्रकट करने की आवश्यकता न हो, या कर्ता अज्ञात हो-
(i) धन पानी की तरह बहाया जा रहा है।
(ii) यहाँ किसी की बात नहीं सुनी जाती।
(iii) पत्र भेज दिया गया है।

(ग) जब कर्ता कोई सभा, समाज या सरकार हो-
(i) पंचवर्षीय योजनाओं पर सरकार द्वारा प्रतिवर्ष निर्धारित धन खर्चा जाता है।
(ii) आर्यसमाज द्वारा कई अंतर्जातीय विवाह कराए जाते हैं।

(घ) कानून या कार्यालयों की भाषा में-
(i) कार्य-कुशलता के लिए कर्मचारियों को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
(ii) आपके प्रार्थना पत्र को निम्नलिखित कारणों से रद्द कर दिया गया है।
(iii) एक माह का अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाता है।

(ङ) असमर्थता बताने के लिए-
(i) आज देर तक नहीं बैठा जा सकेगा।
(ii) ग़रीब का दुख मुझसे नहीं देखा जाता।

(2) भाववाच्य के प्रयोग –

(क) विवशता, असमर्थता व्यक्त करने के लिए या निषेधार्थ में भाववाच्य का प्रयोग होता है-
(i) यहाँ तो खड़ा भी नहीं हुआ जाता।
(ii) आज मुझसे चला भी नहीं जा रहा है।

(ख) अनुमति या आज्ञा प्राप्त करने के लिए-
(i) अब थोड़ा आराम किया जाए।
(ii) अब चला जाए।



                          ★★★ निवेदन ★★★

दोस्तों हमें कमेंट करके बताइए कि आपको यह टॉपिक वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण कैसा लगा। आप इसे अपने तैयारी कर रहे अपने मित्रों के साथ शेयर भी कीजिये ।

Tags – hindi me vachya,vachya hindi grammar,vachya ke prakar hindi grammar,vachya parivartan hindi grammar,कर्मवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन,कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन,कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन,कर्मवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन,भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन, भाववाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन, वाच्य की परिभाषा और उदाहरण,वाच्य किसे कहते हैं और उसके भेद,कर्मवाच्य उदाहरण, वाच्य किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए,भाववाच्य किसे कहते है,कर्तृवाच्य के 10 उदाहरण,वाच्य की परिभाषा और प्रकार,hindi me vachya,vachya hindi grammar,vachya ke prakar hindi grammar,वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार / वाच्य परिवर्तन के नियम प्रयोग और उदाहरण




Leave a Comment