दोस्तों अगर आप बीटीसी, बीएड कोर्स या फिर uptet,ctet, supertet,dssb,btet,htet या अन्य किसी राज्य की शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप जानते हैं कि इन सभी मे बाल मनोविज्ञान विषय का स्थान प्रमुख है। इसीलिए हम आपके लिए बाल मनोविज्ञान के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला लाये हैं। जिसमें हमारी साइट istudymaster.com का आज का टॉपिक वृद्धि एवं विकास का अर्थ / वृद्धि एवं विकास में अंतर / difference between growth and development in hindi है।
वृद्धि एवं विकास में अंतर / difference between growth and development in hindi
अभिवृद्धि या वृद्धि का अर्थ
सबसे पहले वृद्धि एवं विकास में अंतर समझने के लिए ये समझना होगा कि वृद्धि और विकास क्या होता हैं।
वृद्धि और विकास दोनों शब्द प्रायः एक ही अर्थ प्रयोग किये जाते हैं, किन्तु मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इसमें कुछ अन्तर होता है। अभिवृद्धि शब्द का प्रयोग सामान्यतः शरीर और उसके अंगों के भार तथा आकार में वृद्धि के लिए किया जाता है। इस वृद्धि को नापा और तोला जा सकता है। वृद्धि और विकास दोनों शब्द प्रायः एक ही अर्थ प्रयोग किये जाते हैं, किन्तु मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इसमें कुछ अन्तर होता है। अभिवृद्धि शब्द का प्रयोग सामान्यतः शरीर और उसके अंगों के भार तथा आकार में वृद्धि के लिए किया जाता है। इस वृद्धि को नापा और तोला जा सकता है।
विकास का अर्थ
उदाहरण- ऊंचाई , भार, चौड़ाई , हाथ-पैर का बढ़ना, बालों का बढ़ना आदि की वृद्धि अभिवृद्धि कहलायेगी ।
विकास का सम्बन्ध अभिवृद्धि से अवश्य होता है, पर यह शरीर के अंगों में होने वाले पारिवर्तनों को विशेष रूप से व्यक्त करता है।
उदाहरण- बालक की हड्डियाँ आकार में बढ़ती है, यह बालक की अभिवृद्धि है, जबकि हड्डियाँ कड़ी हो जाने के कारण उनके शरीर में जो परिवर्तन आ जाता है, वह विकास को दर्शाता है। इस प्रकार विकास में अभिवृद्धि का भाव निहित रहता है।
अभिवृद्धि एवं विकास में अन्तर / difference between growth and development in hindi
क्र०सं० | वृद्धि या अभिवृद्धि (growth) | विकास (development) |
1 | अभिवृद्धि का स्वरूप बाह्य होता है। | विकास आन्तरिक होता है। |
2 | अभिवृद्धि कुछ समय के बाद रूक जाता है। | जबकि विकास जीवन पर्यन्त चलता रहता है। |
3 | वृद्धि का अर्थ संकुचित है। यह विकास के अवयवों में से ही एक है। | जबकि विकास का अर्थ व्यापक है। शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक, सामाजिक तथा संवेगात्मक विकास भी होता है। |
4 | अभिवृद्धि की कोई निश्चित दिशा नहीं होता है। | विकास एक निश्चित दिशा में होता है। |
5 | अभिवृद्धि का कोई लक्ष्य नहीं होता है। | विकास का कोई न कोई लक्ष्य होता है। |
6 | अभिवृद्धि केवल शारीरिक पक्षों में होने वाला परिवर्तन है। | जबकि विकास सम्पूर्ण पक्षों में होने वाला परिवर्तन है। |
7 | अभिवृद्धि सीधे मापा जा सकता है। उदाहरण- ऊँचाई, भार को सीधे मापा जा सकता है। | जबकि विकास सम्पूर्ण पक्षों में होने वाला परिवर्तन है। |
निवेदन
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