बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध / essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi

आपको अक्सर स्कूलों में निबंध लिखने को दिया जाता है। ऐसे में हम आपके लिए कई मुख्य विषयों पर निबंध लेकर आये हैं। हम अपनी वेबसाइट istudymaster.com के माध्यम से आपकी निबंध लेखन में सहायता करेंगे । दोस्तों निबंध लेखन की श्रृंखला में हमारे आज के निबन्ध का टॉपिक बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध / essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi है। आपको पसंद आये तो हमे कॉमेंट जरूर करें।

बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध / essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi

बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध / essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi

बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध / essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi


रूपरेखा (1) प्रस्तावना, (2) शिक्षा, (3) नौकरी, (4) रचनाएँ,
(5) वकालत का आरम्भ, (6) विधिमन्त्री, (7) मिलिन्द महाविद्यालय, (8) मन्त्री पद से त्याग, (9) बौद्धसभा की स्थापना, (10) उपसंहार ।

प्रस्तावना-

जब समाज में ऊँच-नीच का भाव आ जाता है, छुआ-छूत का रोग फैल जाता है, दलितों पर अत्याचार होने लगते हैं, तब ऐसा महामानव भारत माता की कोख से जन्म लेता है जो इन सभी बुराइयों को दूर कर देता है। दलितों के मसीहा महामानव बाबा साहब का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश स्थित महू छावनी में हुआ था। उनका बचपन का नाम भीम सकपाल था। आपके पिता का नाम रामजी और माता का नाम भीमाबाई था। आप अपने माता-पिता की चौदहवीं सन्तान थे। जब आप सात वर्ष के ही थे, तभी आपकी माताजी का स्वर्गवास हो गया था।

आपके पिता ब्रिटिश रेजिमेंट के सूबेदार मेजर थे। समाज में उस समय जो ऊँच-नीच और छुआछूत की संकीर्णता फैली हुई थी, उसे देखकर उनके पिता उन्हें उच्च शिक्षा देना चाहते थे। बालक भीम सकपाल को विद्यार्थी जीवन से ही छुआछूत के कटु अनुभव होने लगे थे। एक बार की बात है कि बालक भीम सकपाल भयंकर वर्षा से बचने के लिए एक मकान के बरामदे में खड़ा था। सवर्ण मकान मालिक को जब बालक की जाति का पता चला तो उसने उसे बस्ते सहित बरसात के कीचड़ सने पानी में धकेल दिया। बालक भीम को इस प्रकार के अनेक अपमान सहने पड़े। उस समय अशिक्षा के कारण हमारे समाज में यह जातिगत भेदभाव बहुत था।

See also  रंगों का त्योहार होली पर निबंध / essay on colours of festival Holi in hindi

शिक्षा –

आपकी शिक्षा का आरम्भ सतारा के राजकीय वर्नाक्यूलर स्कूल से हुआ। फिर आपने सतारा में एलफिंस्टन हाईस्कूल में प्रवेश लिया। यहाँ से आपने सन् 1908 में हाईस्कूल परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद ही सोलह अप्रैल, 1909 में रमाबाई के साथ आपका विवाह हो गया। महाराजा बड़ौदा की सहायता से आपने सन् 1913 में बी० ए० परीक्षा उत्तीर्ण की। सन् 1913 में आपने कोलम्बिया विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र में प्रवेश लिया। सन् 1915 में आपने राजनीति तथा समाजशास्त्र में एम० ए० की परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर लीं। सन् 1917 में आपने पी-एच० डी० की उपाधि प्राप्त कर ली।

नौकरी-

विदेश से लौटने पर आप बड़ौदा में सैन्य सचिव के पद पर
नियुक्त हुए। बड़ौदा छोड़कर आप बम्बई (मुंबई) में अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर हो गये।

रचनाएँ-

आपकी प्रथम रचना ‘स्माल होल्डिंग्स’ है। फिर आपने ‘कास्ट इन इण्डिया’ नामक पुस्तक लिखी। कुछ समय बाद आप अध्ययन के लिए इंग्लैण्ड गये और वहाँ से आपने डी० लिट्० की उपाधि प्राप्त की।

वकालत का आरम्भ-

आपने बम्बई हाईकोर्ट में वकालत करना आरम्भ कर दिया। वकालत करते हुये आप अछूतोद्धार में लग गये। इसी बीच आप वाइसराय की कौंसिल के सदस्य मनोनीत कर दिये गये।

विधिमन्त्री-

भारत के स्वतन्त्र होने पर आप विधिमन्त्री नियुक्त किये गये। 29 अगस्त को भारत का विधान बनाने के लिए समिति गठित की गयी। डाक्टर अम्बेडकर उसके अध्यक्ष चुने गये। फरवरी, 1948 तक संविधान समिति ने संविधान का प्रारूप तैयार करके संविधान सभा के अध्यक्ष डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद के सामने प्रस्तुत कर दिया।

See also  वृक्षारोपण पर निबंध / essay on tree planting in hindi

मिलिन्द महाविद्यालय-

सन् 1950 में डाक्टर साहब ने मिलिन्द महाविद्यालय की स्थापना की। सन् 1950 में श्रीलंका में होने वाले वर्ल्ड बुद्धिस्ट सम्मेलन में डाक्टर साहब ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। जुलाई, 1951 को डाक्टर साहब ने भारतीय बौद्ध महासंघ की स्थापना की। आप राज्य सभा

मन्त्री पद से त्याग-

हिन्दू कोड बिल के पास न होने पर आपने मन्त्री पद का त्याग कर दिया। सन् 1952 सदस्य चुने गये। बौद्धसभा की स्थापना सन् 1955 में डाक्टर साहब ने भारतीय बौद्ध सभा की स्थापना की तथा 14 अक्टूबर, 1956 को विधिपूर्वक बौद्धधर्म स्वीकार कर लिया। 5 दिसम्बर, 1956 को उन्होंने ‘दि बौद्ध एण्ड हिज धाम’ पुस्तक पूरी की।

उपसंहार –

5 दिसम्बर, 1956 को कानून के महापंडित ने निर्वाण प्राप्त किया और 7 दिसम्बर को उनके इकलौते पुत्र यशवन्त राव उनका अन्तिम संस्कार किया।

👉 इन निबंधों के बारे में भी पढ़िए

                         ◆◆◆ निवेदन ◆◆◆

आपको यह निबंध कैसा लगा । क्या हमारे इस निबंध ने आपके निबंध लेखन में सहायता की हमें कॉमेंट करके जरूर बताएं । दोस्तों अगर आपको बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध / essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi अच्छा और उपयोगी लगा हो तो इसे अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें।

tags – बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय ,hindi me Dr Bhimrao Ambedkar par nibandh,बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध,Dr Bhimrao Ambedkar par nibandh,Dr Bhimrao Ambedkar ,Dr Bhimrao Ambedkar pr nibandh hindi me,बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर निबंध,essay on Dr Bhimrao Ambedkar in hindi,Dr Bhimrao Ambedkar essay in hindi,

Leave a Comment