आपको अक्सर स्कूलों में निबंध लिखने को दिया जाता है। ऐसे में हम आपके लिए कई मुख्य विषयों पर निबंध लेकर आये हैं। हम अपनी वेबसाइट istudymaster.com के माध्यम से आपकी निबंध लेखन में सहायता करेंगे । दोस्तों निबंध लेखन की श्रृंखला में हमारे आज के निबन्ध का टॉपिक महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध / essay on great writer Ravindranath Tagore in hindi है। आपको पसंद आये तो हमे कॉमेंट जरूर करें।
महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध / essay on great writer Ravindranath Tagore in hindi
महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध / essay on great writer Ravindranath Tagore in hindi
रूपरेखा (1) प्रस्तावना, (2) जीवन-परिचय, (3) साहित्य, (4) उपसंहार।
प्रस्तावना –
मानव इतिहास में कुछ ऐसे लोग हुए हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से पूरे विश्व को आलोकित किया, रवीन्द्रनाथ टैगोर भी एक ऐसी ही प्रतिभा थे। महात्मा गाँधी ने उनकी प्रतिभा से अभिभूत होकर उन्हें ‘गुरुदेव’ की संज्ञा दी।
जीवन-परिचय –
रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता शहर के जोड़साँको में हुआ था। उनके पिता का नाम महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर था। रवीन्द्रनाथ ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने घर पर ही प्राप्त की। उन्हें स्कूली शिक्षा के लिए पास के एक स्कूल में भेजा गया था पर स्कूल के वातावरण को वे सहन नहीं कर पाए जिसके बाद उनके पिता ने घर पर ही उनकी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था कर दी। उनके घर पर देश के गणमान्य विद्वानों, साहित्यकारों और शिल्पकारों का आना-जाना लगा रहता था। यही कारण है कि औपचारिक रूप से स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाने के बावजूद उन्होंने घर पर ही साहित्य, संगीत एवं शिल्प का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया।
साहित्य-
रवीन्द्रनाथ ने 12 वर्ष की आयु से ही काव्य-सृजन शुरू कर
दिया था, बाद में उन्होंने गद्य-साहित्य की रचना भी शुरू की और अपनी अधिकतर रचनाओं का उन्होंने अँग्रेजी में अनुवाद भी किया। अपनी प्रसिद्ध काव्य पुस्तक ‘गीतांजलि’ के अँग्रेजी अनुवाद के लिए उन्हें 1913 ई० में साहित्य का ‘नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। ‘गीतांजलि’ रवीन्द्रनाथ ठाकुर की एक अमर काव्य कृति है। इसी के गीतों ने उन्हें ‘विश्वकवि’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे किसी एक विचारधारा के कवि नहीं थे, बल्कि उनके काव्य में पूरी मानवता का समावेश था। यही कारण है कि पूरी दुनिया के लोगों ने कवि होने के कारण उन्हें विश्व – कवि की संज्ञा दी।
कवि होने के साथ ही साथ वे कथाकार, उपन्यासकार, नाटककार, निबन्धकार और चित्रकार भी थे। ‘जन-गण-मन’ और बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार भारत के राष्ट्रगान सोनार बांग्ला’ के रचयिता रवीन्द्रनाथ टैगोर ही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के बोलपुर नामक इलाके में 1921 ई० में शान्ति निकेतन,जिसे विश्वभारती विश्वविद्यालय भी कहा जाता है, की स्थापना की। वर्ष 1951 ई० में भारत सरकार ने इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया। रवीन्द्रनाथ के प्रसिद्ध उपन्यासों में ‘चोखेर बाली’, ‘नौका डूबी’, ‘गोरा’ आदि उल्लेखनीय हैं। ‘राजा ओ रानी’, ‘विसर्जन’ तथा ‘चित्रांगदा’ उनके प्रसिद्ध नाटक है।
इनमें उनकी नाट्य प्रतिभा अपनी पूरी शक्ति के साथ प्रकट हुई हैं उनके द्वारा सृजित संगीत को आज रवीन्द्र के रूप एक अलग शास्त्रीय संगीत का दर्जा प्राप्त है। अपने जीवन के अन्तिम दिनों में उन्होंने चित्र बनाना भी शुरू किया था और अपने बनाए चित्रों से उन्हें एक चित्रकार के रूप में भी विश्व स्तरीय ख्याति मिली। जब देश अपनी स्वतन्त्रता के लिए ब्रिटिश सरकार से संघर्ष कर रहा था, तब अपने सृजन से इस संघर्ष में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर दे रहे थे। यही कारण है कि जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के बाद उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई नाइट (सर) की उपाधि लौटा दी थी ।
उपसंहार –
रवीन्द्रनाथ ने साहित्य, संगीत, शिल्प, शिक्षा हर क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। उनका देहान्त 7 अगस्त, 1941 ई० को हुआ। उनके निधन पर महात्मा गाँधी ने कहा था, आज भारत के रवि का अस्त हो गया। वास्तव में अपने जीवनकाल में उन्होंने साहित्य जगत को इतनी विशाल सम्पदा दी कि उस पर अधिकार और उसमें पारंगत होना सबके लिए सम्भव नहीं है। उनके गीतों में जीवन का अमर सन्देश है, प्रेरणा है और ऐसी पूर्णता है, जो हृदय के सब अभावों को दूर करने में सक्षम है। वास्तव में रवीन्द्र के दर्शन में भारतीय संस्कृति के विविध अंगों का समावेश है। उनके गीत मनुष्य की आत्मा को आवेशों की लहरों में डूबने के लिए नहीं छोड़ देते, बल्कि उसे उन लहरों से खेलते हुए पार उतर जाने की शक्ति देते हैं।
👉 इन निबंधों के बारे में भी पढ़िए
◆◆◆ निवेदन ◆◆◆
आपको यह निबंध कैसा लगा । क्या हमारे इस निबंध ने आपके निबंध लेखन में सहायता की हमें कॉमेंट करके जरूर बताएं । दोस्तों अगर आपको महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध / essay on great writer Ravindranath Tagore in hindi अच्छा और उपयोगी लगा हो तो इसे अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें।
tags – महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ,hindi me Ravindranath Tagore par nibandh,महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध,Ravindranath Tagore par nibandh,Ravindranath Tagore pr hindi me nibandh , Ravindranath Tagore pr nibandh hindi me,महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध,essay on great writer Ravindranath Tagore in hindi,Ravindranath Tagore essay in hindi,