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महंगाई की समस्या पर निबंध / essay on problem of inflation in hindi
रूपरेखा (1) प्रस्तावना (2) वर्तमान काल मे महँगाई (3) महँगाई के कारण, (4) महँगाई रोकने के उपाय (3) उपसंहार
प्रस्तावना-
प्राचीन काल में महँगाई तब ही होती थी, जब अतिवृष्टि होती थी या सूखा पड़ जाता था या फिर युद्ध छिड़ जाता था। प्रथम विश्व युद्ध में गेहूँ चार सेर तक बिक गया था। प्रकृति के अनुकूल रहने पर, वर्षा समय से होने पर तथा उचित मात्रा में अन्न पैदा होने पर वस्तुएँ बहुत सस्ती होती थीं। वर्तमान काल में महँगाई-वर्तमान काल में महँगाई सुरसा के मुख की तरह प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आज.महँगाई और अभाव के दो पाटों के बीच में अधिकांश जनता पिस रही है। महँगाई की मार से अध्यापक, चपरासी, क्लर्क तथा वे मध्यम वर्ग के लोग परेशान हैं, जिनकी आय सीमित है।
सीमित आय वाले लोग महँगाई के कारण न अच्छा खा सकते हैं और न अच्छा पहन सकते हैं। वे अपने बच्चों का पालन-पोषण ठीक तरह से नहीं कर पाते हैं और न उन्हें अच्छी-से-अच्छी शिक्षा दिला पाते हैं। मध्यम वर्ग के सीमित आय वाले वे व्यक्ति तो और भी दुःखी हैं जो भ्रष्ट तरीके से ऊपरी आय नहीं करते हैं। भारत की प्रत्येक सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करने के आश्वासन दिये किन्तु कीमतें बढ़ती ही चली गईं। विगत वर्षों में तो आलू और प्याज की महँगाई के कारण सरकार का पतन हुआ।
महँगाई के कारण-
महँगाई के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
(1) जनसंख्या का अधिक बढ़ना जनसंख्या के बढ़ जाने से वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है और पूर्ति की दर कम हो जाती है, अतः वस्तुएँ महँगे दामों में मिलती हैं।
(2) हड़ताल-वस्तुओं के मूल्य बढ़ने का कारण आये दिन होने वाली हड़तालें भी हैं। हड़तालों के कारण वस्तुओं का उत्पादन कम हो जाता है, अतः वस्तुएँ महँगी हो जाती हैं।
(3) मुद्रा प्रसार-महँगाई का एक कारण मुद्रा प्रसार भी है। आज मुद्रा प्रसार बहुत अधिक हो गया है। आज से सौ वर्ष पहले वह व्यक्ति बहुत बड़ा सेठ साहूकार समझा जाता था, जिसके पास एक हजार रुपये भी होते थे। आज हजारों पाने वाले भी महँगाई के कारण दुःखी हैं। सरकार को मुद्रा के प्रसार को रोकना चाहिए।
(4) काला धन-काला धन भी महँगाई का कारण है, जिन लोगों के पास काला धन होता है, वे महँगे दामों में भी वस्तुएँ खरीद लेते हैं। इतना ही नहीं, वे वस्तुओं को अपने गोदामों में भर लेते हैं। इससे वस्तुएँ बाजार से गायब हो जाती हैं। जमाखोर मनमाने दामों पर वस्तुओं को बेचते हैं। इस कारण भी महँगाई हो जाती है।
महँगाई रोकने के उपाय-
महँगाई रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
(1) सरकार को चाहिए कि वह किसानों को उत्तम बीज दे तथा बिजली पानी की सुविधा दे। कृषि सम्बन्धी और जो भी सुविधाएँ हैं, वे सब किसानों को ठीक समय पर मिलती रहें।
(2) हड़तालों पर कड़ाई से रोक लगाई जाये, जिससे वस्तुओं के उत्पादन की कमी न हो।
(3) जमाखोरों को कठिन दंड दिया जाय। ऐसा करने से जमाखोरी बन्द हो जायेगी और वस्तुओं की बाजार में कमी नहीं होगी।
उपसंहार-
महँगाई भृष्टाचार की जननी है। मूल्य वृद्धि ने जन-साधारण की कमर तोड़ दी है। अतः हमें मूल्य वृद्धि को रोकने के उपाय करने होंगे। सर्वप्रथम हमें जनसंख्या वृद्धि नियन्त्रण करना होगा। यदि जनसंख्या पर नियन्त्रण हो गया तो वस्तुओं की कमी नहीं होगी और मूल्य वृद्धि पर अंकुश लग जायेगा। दूसरे हमें उत्पादन बढ़ाना होगा। सरकार को भी अपनी वितरण प्रणाली में भी आमूल-चूल परिवर्तन करना पड़ेगा। स्थान-स्थान पर उचित मूल्य की दुकानें, सुपर बाजार आदि खोलने चाहिए जिससे महँगाई पर नियन्त्रण किया जा सके।
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◆◆◆ निवेदन ◆◆◆
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