सम्बंधबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / सम्बंधबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण

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सम्बंधबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / सम्बंधबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण

सम्बंधबोधक अव्यय की परिभाषा एवं प्रकार / सम्बंधबोधक अव्यय के भेद प्रयोग और उदाहरण

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सम्बंधबोधक अव्यय की परिभाषा

वह अव्यय, जिसके द्वारा दो पदों (संज्ञा अथवा सर्वनाम के बाद प्रयुक्त होकर उस संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बंध दूसरे शब्दों में दिखाते हैं) के बीच परस्पर सम्बंध सूचित किया जाता है, वह सम्बंधबोधक क्रिया-विशेषण कहलाता है; जैसे- भर, आगे, अनुकूल, बराबर,योग्य, विपरीत इत्यादि ।

सम्बंधबोधक अव्यय के कार्य

1. वाक्य में संज्ञा के बाद प्रयुक्त होकर उसका सम्बंध दूसरे शब्दों के
साथ दिखाना; जैसे- वह दिन भर काम करता रहा।
इस वाक्य में भर अव्यय दिन का सम्बंध अन्य शब्दों के साथ बताता है।

2. सम्बंध बोधक द्वारा समय, स्थान तथा तुलना का बोध होता है;
जैसे- सोहन मोहन के बाद स्कूल पहुँचा। (समय का बोध)
       राम मोहन की अपेक्षा निर्दोष है (तुलना)

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सम्बंध बोधक अव्यय के प्रकार

(1) प्रयोग के आधार पर संबंध बोधक अव्यय के प्रकार
(i) सम्बद्ध सम्बंधबोधक अव्यय
(ii) अनुबद्ध सम्बंधबोधक अव्यय

(2) अर्थ के आधार पर सम्बंधबोधक अव्यय के प्रकार
(i) स्थानवाचक  (ii) कालवाचक  (iii) दिशावाचक
(iv) साधनवाचक (v) संग्रहवाचक  (vi) साहचर्यवाचक
(vii) तुलनावाचक  (viii) सादृश्यवाचक  (ix) उद्देश्यवाचक
(x)  कारणवाचक  (xi) विनिमयवाचक  (xii) विरोधवाचक
(xiii) विषयवाचक  (xiv) व्यतिरेक वाचक

(3) व्युत्पति के आधार पर सम्बंध बोधक अव्यय के प्रकार
(i) मूल सम्बंध बोधक अव्यय
(ii) यौगिक सम्बंध बोधक अव्यय

(1) प्रयोग के आधार पर संबंध बोधक अव्यय के प्रकार

प्रयोग के आधार पर संबंध बोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं-

(i) सम्बद्ध सम्बंधबोधक अव्यय
(ii) अनुबद्ध सम्बंधबोधक अव्यय

सम्बद्ध सम्बंध बोधक अव्यय – वह अव्यय, जो संज्ञाओं की
विभक्तियों के बाद आता है, सम्बद्ध सम्बंध बोधक अव्यय
कहलाता है।
जैसे- सूर्योदय के पहले।
       कपड़े के बिना।
उपर्युक्त वाक्य में के विभक्ति के बाद पहले और बिना सम्बद्ध
सम्बंधबोधक अव्यय के रूप में प्रयुक्त हुआ है।

अनुबद्ध सम्बंध बोधक अव्यय – वह अव्यय जो संज्ञाओं के
विकृति रूप के बाद आता है, अनुबद्ध सम्बंध बोधक अव्यय
कहलाता है।
जैसे- कई दिनों तक, प्याले भर
उपर्युक्त वाक्यों में तक तथा भर अव्यय दिन और प्याला की
विकृत रूप के बाद आया है।

(2) अर्थ के आधार पर सम्बंधबोधक अव्यय के प्रकार

सम्बंधबोधक अव्यय            उदाहरण

1.स्थानवाचक – समीप, सामने, बाहर, आगे, पीछे इत्यादि।
2.कालवाचक – आगे, पश्चात्, अब, तक, पहले, बाद इत्यादि।
3.दिशावाचक – पार, तरफ, ओर, आस-पास इत्यादि।
4.साधनवाचक – द्वारा, जरिये, मारफत, माध्यम इत्यादि।
5.संग्रहवाचक  – भर, तक, पर्यन्त, मात्र, लगभग इत्यादि।
6. साहचर्यवाचक – सहित, साथ, संग, समेत, इत्यादि।
7.तुलनावाचक – समान, अपेक्षा, समक्ष, बनिस्वत, सामने इत्यादि।
8. सादृश्यवाचक – भाँति, योग्य, तरह, जैसा, समान इत्यादि।
9. उद्देश्यवाचक – हेतु, निमित्त, वास्ते, लिए इत्यादि।
10. कारणवाचक – परेशानी से, के कारण इत्यादि।
11. विनिमयवाचक – पलटे, एवज, बदले, जगह इत्यादि।
12. विरोधवाचक – विरुद्ध, विपरीत, विरोध, उल्टे, खिलाफ इत्यादि।
13. विषयवाचक –  विनय, भरोसे, आश्रय, सम्बंध इत्यादि
14. व्यतिरेक वाचक – अतिरिक्त, सिवाय, बगैर, बिना, रहित इत्यादि।

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(3) व्युत्पति के आधार पर सम्बंध बोधक अव्यय के प्रकार एवं उनके उदाहरण

1. मूल सम्बंध बोधक अव्यय –  बिना, पर्यन्त, भाँति, पूर्वक इत्यादि।
2. यौगिक सम्बंध बोधक अव्यय – मारफत, अपेक्षा, लेखे,पलटे इत्यादि।

यौगिक सम्बंध बोधक अव्यय का निर्माण

विशेषण से – समान, उल्टा, तुल्य, योग्य, ऐसा इत्यादि।
क्रिया से –  लिए, मारे, जाने, कर, चलते इत्यादि।
क्रिया-विशेषण से – पास, पीछे, परे इत्यादि।

                     ★★★ निवेदन ★★★

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