बाल विकास की अवस्थाएं / stages of child development in hindi

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बाल विकास की अवस्थाएं / stages of child development in hindi

बाल विकास की अवस्थाएं / stages of child development in hindi
बाल विकास की अवस्थाएं / stages of child development in hindi

(1) हरलॉक के अनुसार बाल विकास की अवस्थाएं

क्र०सं०अवस्थाआयु
1गर्भावस्थागर्भाधान-जन्म तक

इस समय को 3 प्रकार से विभाजित किया गया है –

[ बीजावस्था- 0-14 दिन (दो सप्ताह)]
[भ्रूणावस्था-2 सप्ताह-2 माह ]
[गर्भस्थ शिशु अवस्था-2 -9 माह ]
2शैशवावस्थाजन्म से- 14 दिन (2 सप्ताह)
3बचपनावस्था2 सप्ताह-2 वर्ष तक
4पूर्व बाल्यावस्था3 वर्ष-6 वर्ष तक
5उत्तर बाल्यावस्था7 वर्ष-12 वर्ष/14 वर्ष तक
6वयः सन्धि/पूर्व किशोरावस्था11 वर्ष-17 वर्ष तक
7किशोरावस्था17 वर्ष-21 वर्ष तक
8प्रौढ़ावस्था21 वर्ष – 40 वर्ष तक

(2) रॉस के अनुसार बाल विकास की अवस्थाएं

क्र०सं०अवस्थाआयु
1शैशवावस्था1 से 3 वर्ष तक
2पूर्व बाल्यावस्था3 से 6 वर्ष तक
3उत्तर बाल्यावस्था6 से 12 वर्ष तक
4किशोरावस्था12 से 18 वर्ष तक

(3) कोल (Cole) ने विकास की अवस्थाओं का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया है-

क्र०सं०अवस्थाआयु
1शैशवावस्था जन्म से लेकर दो वर्ष तक।
2प्रारंभिक बाल्यावस्था2 से 5 वर्ष तक
3मध्य बाल्यावस्थाबालक 6 से 12 तथा
बालिका 6 से 10 वर्ष तक
4पूर्व किशोरावस्था या उत्तर बाल्यावस्था बालक 13 से 14 तक तथा बालिका 11 से 12 तक।
5प्रारंभिक किशोरावस्थाबालक 15 से 16 तक तथा बालिका 12 से 14 तक।
6मध्य किशोरावस्थाबालक 17 से 18 तक तथा बालिका 15 से 17 तक।
7उत्तर किशोरावस्थाबालक 19 से 20 वर्ष तक तथा बालिका 18 से 20 वर्ष तक।
8प्रारंभिक प्रौढ़ावस्था21 से 37 वर्ष तक
9मध्य प्रौढ़ावस्था35 से 49 वर्ष तक
10उत्तर प्रौढ़ावस्था50 से 64 वर्ष तक
11प्रारंभिक वृद्धावस्था65 से 74 वर्ष तक
12वृद्धावस्था75 वर्ष के बाद

(4) कालसनिक के अनुसार विकास की अवस्थाओं का वर्गीकरण-

क्र० सं०अवस्थाआयु
1गर्भावस्थागर्भाधान से जन्म तक
2पूर्व शैशवावस्थाजन्म से 3-4 सप्ताह तक      
3मध्य शैशवावस्था1 अथवा 2 माह से 15 माह तक
4उत्तर शैशवावस्था15 से 30 माह तक
5पूर्व बाल्यावस्था30 माह से 5 वर्ष तक
6मध्य बाल्यावस्था5 वर्ष से 9 वर्ष तक
7उत्तर बाल्यावस्था9 वर्ष से 12 वर्ष तक
8किशोरावस्था12 वर्ष से 21 वर्ष तक

(5) सैले महोदय के अनुसार-

क्र०सं०अवस्थाआयु
1शैशवावस्था1 से 5 वर्ष
2बाल्यावस्था5 से 12 वर्ष
3किशोरावस्था12 से 18 वर्ष

(6) सामान्य विभाजन

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विकास की लगभग सर्वमान्य अवस्थायें निम्नवत है-

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क्र० सं०अवस्थाआयु
1गर्भावस्थागर्भाधान से जन्म तक (9 माह 10 दिन)
2शैशवावस्थाजन्म से 6 वर्ष तक
3बाल्यावस्था6 से 12 वर्ष तक
4किशोरावस्था12 से 18 वर्ष तक
5प्रौढ़ावस्था18 वर्ष के बाद

बाल विकास की अवस्थाएं / stages of child development in hindi

अवस्थाओं का कम शब्दों में वर्णन निम्नलिखित प्रकार से है–

1. गर्भकालीन अवस्था –

यह अवस्था गर्भधारण से जन्म तक की है। इस अवस्था को उप-अवस्थाओं में विभाजित किया गया है-

(i) बीजावस्था – इस अवस्था का समय गर्भधारण से दो सप्ताह
तक है।

(ii) भ्रूणावस्था – यह अवस्था 2 से 18 सप्ताह तक है। इस अवस्था का जीव भ्रूण कहलाता है। इसी अवस्था में मुख्य अंग बनते है।

(iii) गर्भावस्था शिशु की अवस्था – यह अवस्था 8 सप्ताह से जन्म से पूर्व तक की होती है।

2. शैशवावस्था (Infancy)-

यह अवस्था जन्म से 14 दिनों की अवस्था है। इस अवस्था में शिशु को नवजात शिशु कहते हैं।

3. बचपनावस्था (Babyhood)-

बचपनावस्था 2 सप्ताह से 2 वर्ष तक की है। इस अवस्था में बालक पूर्णतः असहाय होता है और अपनी विकास की गति तीव्र होती है। आवश्यकताओं के लिए दूसरों पर निर्भर होता है।

4. बाल्यावस्था (Childhood)-

बाल्यावस्था 3 वर्ष के प्रारम्भ से 13-14 वर्ष तक की है।
इसको दो अवस्थाओं में बाँटा गया है – (i) पूर्वबाल्यावस्था, (ii) उत्तरवाल्यावस्था ।

5. पूर्व किशोरावस्था (Puberty)-

इसका कुछ भाग उत्तर बाल्यावस्था और कुछ भाग किशोरावस्था में पड़ता है। लगभग दो वर्ष उत्तर बाल्यावस्था और दो वर्ष किशोरावस्था में पड़ते हैं। इस अवस्था में मुख्यतः यौन अंगों का विकास होता है। शारीरिक और मानसिक विकास की गति इस अवस्था में बाल्यावस्था से तीव्र रहती है।

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6. किशोरावस्था (Adolescence)-

बाल जीवन की यह अन्तिम अवस्था है। यह 14-15 वर्ष से लगभग 21 वर्ष तक की अवस्था है। इस अवस्था को स्वर्ण आयु (Golden Age) भी कहा गया है। इस अवस्था में विपरीत लिंग के लोगों के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है। इस अवस्था मे बालक और बालिकाओं में अनेक परिवर्तन होते हैं जिनमें सामाजिकता और कामुकता प्रमुख हैं।

7. प्रौढ़ावस्था (Adulthood)

प्रौढ़ावस्था 21 से 40 वर्ष तक की है। इस अवस्था मे कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों का निर्वाह कर सकता है। स्वस्थ समायोजन की ही अवस्था में वह उपलब्धियों को प्राप्त कर सकता है।

8. मध्यावस्था, उत्तर मध्यावस्था (Middle, Late Adult-hond)-

यह अवस्था 41 से 64 वर्ष तक की है। इस अवस्था में व्यक्ति के अन्दर शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते हैं। इस अवस्था में व्यक्ति सुखमय एवं सम्मानजनक जीवन की कामना करता है।

9. वृद्धावस्था (Senescence)-

वृद्धावस्था 65 वर्ष के आगे की अवस्था कहलाती है। यह जीवन की अंतिम अवस्था के रूप में जानी जाती है। इस अवस्था में याददाश्त कमजोर पड़ जाती है। इस अवस्था में शारीरिक व मानसिक क्षमताओं में कमी आने लगती है।

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