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मिलावट की समस्या पर निबंध / essay on adulteration in hindi
रूपरेखा (1) प्रस्तावना, (2) मिलावट के कारण, (3) खाद्य वस्तुओं में मिलावट, (4) औषधियों में मिलावट, (5) मिलावट क्यों होती है ? (6) व्यापारी वर्ग के चरित्र का पतन, (7) उपसंहार ।
प्रस्तावना—
मिलावट महापाप है। इससे देशवासियों का स्वास्थ्य नष्ट होता है तथा काम करने की शक्ति कम होती है। इसके कारण देश का उत्पादन घटता है और भयानक रोग फैलते हैं।
मिलावट के कारण-
(1) राजनैतिक अस्थिरता जब राजनीतिज्ञ अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं, तब मिलावट को बढ़ावा मिलता है। (2) प्रशासन की शिथिलता जब प्रशासन मिलावट करने वालों की ओर पूरा ध्यान नहीं देता है, तब मिलावट का काम बढ़ता है। (3) जमाखोरी- जब काला धन इकट्ठा कर लेने वाले लोग वस्तुओं को अपने गोदामों में भर लेते हैं, तब मिलावट बढ़ती है। जब व्यापारी वर्ग का नैतिक पतन हो जाता है, देश भक्ति की भावना मर जाती और पैसे को आवश्यकता से अधिक महत्त्व दे दिया जाता है, तब मिलावट होती है।
खाद्य वस्तुओं में मिलावट-
चावलों में सफेद पत्थर के कण, काली मिर्च में पपीते के बीज, धनियाँ मसाले में सूखी लीद, हल्दी में पीली मिट्टी, आटे में चाक, घी में चर्बी तथा तेलों में रेपसीड इत्यादि मिलाये जा रहे हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावट का एक प्रकरण अभी सामने आया है। बिहार राज्य में सरसों के तेल में मिलावट के कारण सात हजार व्यक्ति अपंग हो गये।
औषधियों में मिलावट-
रोगियों के स्वास्थ्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका ध्यान न रखकर, धन के लालच में औषधियों में मिलावट की जा रही है। इन्जेक्शनों में डिस्टिल्ड वाटर भर देना, गोलियों में मिलावट, नकली औषधियाँ बनाना आदि मिलावट के काम हैं। कानपुर और गोण्डा में नकली दवाइयों का जखीरा पकड़ा जा चुका है। दूध में पानी मिलाना तो दूधियों तथा हलवाइयों के लिए साधारण बात हो गई है। शहद में चासनी की मिलावट भी सबको मालूम हो गई है। शराब में पानी मिलाना और अफीम में रसौत इत्यादि मिलाना प्रायः देखा जाता है। नकली विष खाने वाले मौत से बच जाते हैं। अब किसी भी वस्तु का शुद्ध रूप में मिलना असम्भव हो गया है, मौत के लिए मिलावट क्यों होती है ?-मिलावट का निरीक्षण करने वाले भ्रष्ट हो गये हैं, अतः मिलावट करने वाले निडर होकर मिलावट करते हैं।
व्यापारी वर्ग के चरित्र का पतन-
अनुचित साधनों से धन प्राप्त करना व्यापारी वर्ग ने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है, अतः वे रिश्वत देकर निडर होकर मिलावट करते हैं। सीमेन्ट में रेत मिलाते हैं, ईंटों की मोटाई और लम्बाई कम कर देते हैं। इस समय प्राकृतिक पदार्थ हवा, पानी में भी प्रदूषण की मिलावट हो रही है। रेल, मोटर, टैक्सी, स्कूटर, लाउडस्पीकर इत्यादि प्रतिक्षण जलवायु को दूषित कर रहे हैं। सरकार तथा समाज-सुधारकों का यह आवश्यक कर्त्तव्य है कि ये मिलावट तथा प्रदूषण को सख्ती से रोकें, जिससे सभी देशवासियों का स्वास्थ्य ठीक रहे।
उपसंहार-
मिलावट की जड़ को उखाड़ने के लिए पहले यह आवश्यक है कि हम इसके दोषी तत्वों को ऐसी कड़ी से कड़ी सजा दें कि दूसरा मिलावटकर्ता फिर मिलावट न कर सके। इसके लिए सबसे सार्थक और सही कदम होगा-प्रशासन को सख्त और चुस्त बनना। इसके साथ ही मिलावट के विरुद्ध जन-आन्दोलन प्रारम्भ करना चाहिए। दोषी व्यक्तियों का सामाजिक बहिष्कार कर देना चाहिए। जिससे उन्हें यह ज्ञात हो जाये कि जो धन उन्होंने मिलावट से कमाया है, वह बेकार है।
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◆◆◆ निवेदन ◆◆◆
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